Thursday, September 22, 2016

आकाशवाणी

ऑल इंडिया रेडियो भारत की सरकारी रेडियो सेवा है। भारत में रेडियो प्रसारण की शुरूआत 1920 के दशक में हुई। पहला  1923 में मुंबई के रेडियो क्‍लब द्वारा प्रसारित किया गया। इसके बाद 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्‍वामित्‍व वाले दो ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की स्‍थापना हुई। सन् 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने नियंत्रण में ले लिया और भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से उन्‍हें परिचालित करना आरंभ कर दिया। 1936 में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया और 1957 में आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा।

महानिदेशालय, आकाशवाणी प्रसार भारती के तहत कार्य करता है। प्रसार भारतीय मंडल संगठन की नीतियों के निर्धारण और कार्यान्‍वयन शीर्ष स्‍तर पर सुनिश्‍चित करता है और प्रसार भारती अधिनियम, 1990 के संदर्भ में अधिदेश को पूरा करता है। कार्यपालक सदस्‍य निगम के मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में मंडल के नियंत्रण और पर्यवेक्षण हेतु कार्य कारते हैं। सीईओ, सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य, (कार्मिक) प्रसार भारती मुख्‍यालय, द्वितीय तल, पीटीआई भवन, संसद मार्ग, नई दिल्‍ली-110001 से अपने कार्यों का निष्‍पादन करते हैं।

वित्त, प्रशासन और कार्मिकों से संबंधित सभी महत्‍वपूर्ण नीतिगत मामले सीईओ के पास भेजे जाते हैं और आवश्‍यकतानुसार सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) के माध्‍यम से मंडल को भेजे जाते हैं, ताकि सलाह, प्रस्‍तावों का कार्यान्‍वयन और उन पर निर्णय लिए जा सके। प्रसार भारती सचिवालय में कार्यरत विभिन्‍न विषयों के अधिकारी सीईओ, सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) को कार्रवाई, प्रचालन, योजना और नीति कार्यान्‍वयन के समेकन में सहायता देते हैं और साथ ही निगम के बजट, लेखा और सामान्‍य वित्तीय मामलों की देखभाल करते हैं। प्रसार भारती में मुख्‍य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्‍व में मुख्‍यालय के एक एकीकृत सतर्कता व्‍यवस्‍था भी है।

आकाशवाणी के महानिदेशालय का नेतृत्‍व महानिदेशक करते हैं। वे सीईओ सदस्‍य (वित्त) और सदस्‍य (कार्मिक) के सहयोग से आकाशवाणी के दैनिक मामलों का निपटान करते हैं। आकाशवाणी में मोटे तौर पर पांच अलग अलग विंग हैं जो विशिष्‍ट गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हैं जैसे कार्यक्रम, अभियांत्रिकी, प्रशासन, वित्त और समाचार।

कार्यक्रम विंग

मुख्‍यालय में महानिदेशक की सहायता उप महानिदेशक करते हैं तथा स्‍टेशनों के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए क्षेत्रों में उप महानिदेशक करते हैं, क्षेत्रीय उप महानिदेशक के कार्यालय कोलकाता (ईआर), मुम्‍बई और अहमदाबाद (डब्‍ल्‍यूआर), लखनऊ (सीआर-I), भोपाल (सीआर-II), गुवाहाटी (एनईआर), चेन्‍नई (एसआर-I), बंगलूर (एसआर-II), दिल्‍ली (एनआर-I) और चंडीगढ़ (एनआर-II) में स्थित हैं। अभियांत्रिक विंग

आकाशवाणी के तकनीकी मामलों के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता मुख्‍यालय में तैनात मुख्‍य अभियंता तथा इंजीनियर इन चीफ द्वारा और जोनल मुख्य अभियंताओं द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्‍त मुख्‍यालय में आकाशवाणी की विकास संबंधी योजनाओं के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता के लिए मुख्‍यालय में योजना और विकास इकाई है। सिविल निर्माण गतिविधियों के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता सिविल निर्माण विंग द्वारा की जाती है, जिसका नेतृत्‍व मुख्‍य अभियंता करते हैं। दूरदर्शन की जरूरतों को भी सिविल निर्माण विंग पूरा करता है।

प्रशासनिक विंग

एक उपमहा निदेशक (प्रशासन) महानिदेशक को प्रशासन संबंधी सभी मामलों में सलाह देते हैं जबकि उप महानिदेशक (कार्यक्रम) कार्यक्रम कार्मिकों के प्रशासन में महानिदेशक को सहायता देते हैं। एक निदेशक आकाशवाणी के अभियांत्रिकी प्रशासन की देखभाल करते हैं जबकि एक अन्‍य निदेशक (प्रशासन और वित्त) प्रशासन तथा वित्त के मामलों में महानिदेशक की सहायता करते हैं। सुरक्षा विंग

आकाशवाणी की संस्‍थापनाओं, ट्रांसमीटरों, स्‍टूडियो, कार्यालयों आदि की सुरक्षा तथा निरापदता के साथ जुड़े मामलों पर महानिदेशक की सहायता एक उपमहानिदेशक (सुरक्षा), सहायक महा निदेशक (सुरक्षा) और एक उप निदेशक (सुरक्षा) करते हैं। श्रोता अनुसंधान विंग

आकाशवाणी को सभी स्‍टेशनों द्वारा कार्यक्रमों के प्रसारण पर श्रोता अनुसंधान के सर्वेक्षण करने के लिए महानिदेशक की सहायता निदेशक, श्रोता अनुसंधान करते हैं।

गति‍विधियां

अलग अलग कार्यों के लिए अनेक अधीनस्‍थ कार्यालय हैं, जो नीचे दिए गए विवरण के अनुसार गतिविधियां करते हैं।

समाचार सेवा प्रभाग

समाचार सेवा प्रभाग 24 घण्‍टे कार्य करता है और यह स्‍वदेशी तथा बाह्य सेवाओं में 500 से अधिक समाचार बुलेटिन का प्रसारण करता है। ये बुलेटिन भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में होते हैं। इसका नेतृत्‍व महानिदेशक, समाचार सेवा करते हैं। यहां 44 क्षेत्रीय समाचार इकाइयां हैं। विदेशी सेवा प्रभाग

आकाशवाणी का विदेशी सेवा प्रभाग वॉइस ऑफ द नेशन के रूप में भारत के विषय मेंदुनिया के लिए एक विश्‍वसनीय समाचार स्रोत है। दुनिया में भारत के बढ़ते महत्‍व को देखते हुए आने वाले समय में विदेशी प्रसारण के लिए इसकी एक महत्‍वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। आकाशवाणी का विदेशी सेवा प्रभाग 16 विदेशी भाषाओं और 11 भारतीय भाषाओं में एक दिन में लगभग 100 से अधिक देशों में 72 घण्‍टे की अवधि का प्रसारण करता है। ट्रांसक्रिप्‍शन और कार्यक्रम आदान प्रदान सेवा

यह सेवा स्‍टेशनों में कार्यक्रमों के आदान प्रदान, ध्‍वनि अभिलेखागार, निर्माण और रखरखाव तथा संगीत के दिग्‍गजों की महत्‍वपूर्ण रिकॉर्डिंग का वाणिज्यिक उपयोग करने का कार्य करती है। अनुसंधान विभाग

अनुसंधान विभाग के कार्यों में आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा आवश्‍यक उपकरण के अनुसंधान और विकास का कार्य, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से संबंधित छानबीन और स्‍टूडियो, सीमित उपयोग के लिए अनुसंधान और विकास उपकरण के प्रोटोटाइप मॉडलों का विकास, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के नेटवर्क में क्षेत्र परीक्षण। केन्‍द्रीय भण्‍डार कार्यालय

नई दिल्‍ली में स्थित केन्‍द्रीय भण्‍डार कार्यालय आकाशवाणी के स्‍टेशनों पर तकनीकी उपकरणों के रखरखाव के लिए आवश्‍यक अभियांत्रिकी भंडारों के प्रापण, भण्‍डारण और वितरण से संबंधित कार्य करता है। कर्मचारी प्रशिक्षण संस्‍थान (कार्यक्रम)

कर्मचारी प्रशिक्षण संस्‍थान (कार्यक्रम) को 1948 में निदेशालय के साथ आरंभ किया गया था और अब इसमें किंग्‍सवे कैम्‍प, दिल्‍ली और भुवनेश्‍वर से कार्य करने वाली दो मुख्‍य शाखाएं हैं। यह कार्यक्रम कार्मिकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण देता है और यह नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए प्रेरण पाठ्यक्रम और अल्‍पावधि पुनश्‍चर्या पाठ्यक्रम आयोजित करता है। यह प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए परीक्षा का आयोजन करता है। इसके अतिरिक्‍त हैदराबाद, शिलांग, लखनऊ, अहमदाबाद और तिरुवनंपुरम में स्थित पांच क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्‍थान कार्यरत हैं। कर्मचारी प्रशिक्षण संस्‍थान (तकनीकी)

निदेशालय का एक भाग कर्मचारी प्रशिक्षण संस्‍थान (तकनीकी) 1985 में बनाया गया और तब से यह किंग्‍सवे कैम्‍प, दिल्‍ली से कार्य करता है। संस्‍थान द्वारा आकाशवाणी और दूरदर्शन के अभियांत्रिकी कर्मचारियों के लिए तकनीशियन से लेकर अधीक्षण अभियंता तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है। यह विभागीय अर्हकारी और प्रतिस्‍पर्द्धा परीक्षाओं का आयोजन भी करता है। भुवनेश्‍वर में एक क्षेत्रीय कर्मचारी प्रशिक्षण संस्‍थान (तकनीकी) है। सीबीएस केन्‍द्र और विविध भारती

यहां 40 विविध भारतीय और वाणिज्यिक प्रसारण सेवा (सीबीएस) केन्‍द्रों के साथ 3 विशिष्‍ट वीबी केन्‍द्र हैं। सीबीएस से संबंधित कार्य दो विंग में किया जाता है अर्थात बिक्री और निर्माण। केन्‍द्रीय बिक्री इकाई के नाम से ज्ञात एक पृथक स्‍वतंत्र कार्यालय 15 मुख्‍य सीबीएस केन्‍द्रों के साथ प्रसारण समय के विपणन की देखभाल करता है। वाराणसी और कोच्चि में दो और विविध भारती केन्‍द्र हैं। रेडियो स्‍टेशन

वर्तमान में 231 रेडियो स्‍टेशन हैं। इनमें से प्रत्‍येक रेडियो स्‍टेशन आकाशवाणी के अधीनस्‍थ कार्यालय के रूप में कार्य करता है। उच्‍चशक्ति वाले ट्रांसमिटर

आकाशवाणी की विदेश, स्‍वदेशी और समाचार सेवाओं के प्रसारण के लिए 8 बृहत वायवीय प्रणालियों सहित शॉर्ट वेव/मीडियम वेव ट्रांसमीटर के साथ सज्जित उच्‍च शक्ति वाले ट्रांसमीटर हैं। इन केन्‍द्रों का मुख्‍य कार्य आस पास के स्‍टेशनों पर बनाए गए कार्यक्रमों का प्रसारण करना साथ ही दिल्‍ली के स्‍टूडियो से प्रसारण करना है। नेटवर्क और कवरेज की वृद्धि

स्‍वतंत्रता के समय से आकाशवाणी दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण नेटवर्कों में से एक बन गया है। स्‍वतंत्रता के समय भारत में 6 रेडियो स्‍टेशन और 18 ट्रांसमीटर थे, जिनसे 11% आबादी और देश का 2.5 % भाग कवर होता है। दिसम्‍बर, 2007 इस नेटवर्क में 231 स्‍टेशन और 373 ट्रांसमीटर हैं जो देश की 99.14% आबादी और 91.79% क्षेत्रफल तक पहुंचता है।
By-Wikipedia

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