Sunday, December 4, 2016

आज तक


आज तकआरंभ31 दिसम्बर 2000नेटवर्कटेलीविजन प्रसारण और ऑनलाइनस्वामित्वइण्डिया टुडे ग्रूपचित्र प्रारूप576 आई, (एसडी टीवी)उद्घोषसबसे तेज़देशभारतभाषाहिन्दीप्रसारण क्षेत्रविश्वव्यापीमुख्यालयनई दिल्लीभारतबंधु चैनलहॅडलाइन्स टुडेवेबसाइटआजतक.इन

आज तक एक हिन्दी समाचार टी वी चैनल है। इसका स्वामित्व टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड के पास है। आज तक भारत के सर्वाधिक देखे जाने वाले हिन्दी समाचार चैनलों में से एक है। आज तक का मुख्यालय नई दिल्लीभारत में स्थित है।

आज तक को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स द्वारा भी सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल के रूप में सम्मनित किया जा चुका है।[3]

आरम्भ

आज तक का सर्वप्रथम प्रसारण दूरदर्शन के डीडी मैट्रो पर वर्ष 1995 में किया गया था। तब यह रात्री 10 बजकर 20 मिनट के समाचार क्रार्यक्रम के रूप में प्रसारित किया जाता था। आज तक एक स्वतन्त्र समाचार चैनल के रूप में दिसम्बर 1999 में अस्तित्व में आया और तब यह चौबीस घण्टे प्रसारित होने वाला देश का सर्वप्रथम सम्पूर्ण हिन्दी समाचार चैनल बना। जिस समय आज तक चैनल अस्तित्व में आया तब इसकी पहुँच 52 लाख घरों तक थी और तबसे लेकर अब तक यह 3 करोड़ घरों में प्रसारित होने वाला चैनल बन चुका है और समाचार चैनलों में इसकी दर्शक संख्या की भागीदारी 55% हैl

वर्तमान स्थिति

पुरुस्कार और पहचान

l001 - इण्डियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड में न्यूज़ चैनल ऑफ द ईयर चुना गया।2002 -सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल का इण्डियन टेलीविजन अकेडमी अवॉर्ड आज तक को मिला।इण्डियन टेली अवॉर्ड में आज तक को न्यूज़ चैनल ऑफ द ईयर चुना गया।2003 -आज तक को सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल का इण्डियन टेली अवॉर्ड मिला।आज तक को आईटीए अवार्ड मिला।2004 -सर्वश्रेष्ठ मीडिया कैम्पेन का अवॉर्ड आज तक को मिला।आज तक को हीरो हॉण्डा आईटीए अवॉर्ड मिला।2004 -आज तक लगातार दूसरे वर्ष सूपर ब्राण्ड बना।इण्डियन टेली अवॉर्ड का सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल का अवॉर्ड आज तक को मिला।2006 -सुपर ब्राण्ड इण्डिया ने आज तक को सर्वश्रेष्ठ सुपर ब्राण्ड चुना।आज तक को लगातार चौथे वर्ष इण्डियन टेली अवॉर्ड मिला।2008 -आज तक को गोल्ड अवॉर्ड समारोह में सर्वश्रेष्ठ समाचार चैनल का पुरस्कार मिला।एनटी अवॉर्ड में आज तक को सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी समाचार न्यूज़ चैनल का अवॉर्ड मिला।2009 -वर्ल्ड ब्राण्ड कांग्रेस ने आज तक को ग्लोबल अवॉर्ड फॉर ब्राण्ड एक्सीलेन्स से समानित किया।2011 -आज तक को लगातार ग्यारहवें वर्ष सर्वश्रेष्ठ हिन्दी समाचार चैनल का पुरस्कार मिला।


माय एफ एम

माय एफएम, एक राष्ट्रव्यापी निजी एफएम रेडियो स्टेशन है| यह रेडियो दैनिक भास्कर समूह द्वारा चलाया जा रहा है | यह रेडियो स्टेशन ९४.३ मेगाहर्ट्स एफएम बैंड फ्रिकुएंसी पर प्रसारित होता है| वर्तमान में यह स्टेशन १७ विभिन्न शहरों में प्रसारित होता है |

माय एफएम का टैगलाइन है - "जियो दिल से" |

प्रसारण

अहमदाबाद
अजमेर
अमृतसर
भोपाल
बिलासपुर
चंडीगढ
ग्वालियर
इंदौर
जबलपुर
जयपुर
जालंधर
जोधपुर
कोटा
नागपुर
रायपुर
सूरत
उदयपुर

इन्हें भी देखें

रेडियो
आकाशवाणी
रेडियो
सिटीरेडियो
मिर्चीबिग
एफएम

ईटीवी

ईटीवी नेटवर्क एक भारत सबसे बड़ा सैटलाइट उपग्रहटेलिविज़न नेटवर्क है। इस नेटवर्क पर मीडिया बैरॉन रामोजी राव का एकाधिकार है। ईटीवी शायद एकाधिकार वाला देश का पहला मीडिया नेटवर्क है। ईटीवी नेटवर्क का मुख्यालय हैदराबाद के विश्वप्रसिद्ध रामोजी फिल्मसिटी में स्थित है। ईटीवी नेटवर्क के अंतर्गत बारह टेलीविजन चैनल संचालित हो रहे हैं, जो चौबीसों घंटे समाचारशिक्षामनोरंजन और ज्ञान-विज्ञान से संबंधित कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। जब नब्बे के दशक में भारत में सैटेलाइट टीवी क्रांति का जन्म हुआ, उसी समय आंध्रप्रदेश के ईनाडू तेलुगु दैनिक ने तेलुगु भाषा में एक चैनल की शुरुआत की. तेलुगु से एक चैनल की शुरुआत हुई, मगर जल्द ही ईटीवी नेटवर्क ने देश के विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में कई चैनलों की शुरुआत की. बंगालीऊर्दूकन्नडगुजरातीमराठी सहित हिंदी में चार चैनल खोले गए। ईटीवी का भारत में सबसे बड़ा न्यूज रिपोर्टिंग नेटवर्क है, जो जिला और प्रखंड स्तर तक फैले हुए हैं। ईटीवी नेटवर्क का प्रबंधन न्यूजटुडे प्राइवेट लिमिटेड के हाथ में है। ईटीवी के चैनल समाचार के साथ साथ ज्ञान-विज्ञान और मनोरंजन के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं।

ईटीवी उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड

ईटीवी का यह नेटवर्क अब टीवी 18 ग्रुप के हाथ चला गया है। आर्थिक अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी अब ईटीवी नेटवर्क के मालिक है और टीवी 18 का उसमें शेयर है। टीवी 18 ने धीरे-धीरे ईटीवी को अपने हाथों में समेटना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ महीनों में हैदराबाद से ईटीवी का मुख्यालय दिल्ली अथवा नोयडा में स्थानांतरित कर दिया जायेगा।

जी समूह

जी मीडिया भारत का सबसे बड़े मीडिया और मनोरंचन कंपनियों में एक है। उसका मुख्यलय मुंबई पर स्थित है।वह एस्सेल समूह की सहयक कंपनी है।यह कंपनी १५ डिसंबर १९९१ को शुरु किया गया था। ज़ी मीडिया अभी ३४ से अधिक विभिन्न टेलिविजन चैनलों,एक रिकार्ड कंपनी,एक उत्पाथन कंपनी और अन्य व्यवसायों भी है।ज़ी मीडिया भारतीय मीडिया चरित्र का एक नया अध्याय है।कंपनी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक सुभाश चंद्र और इसके वर्तमान सीइओ मुफ्फदल कैज़ेर है। ज़ी न्यूज़,इन्दिया २४*७ आदि अनेक समाचारों यह कंपनी का है।२०१२ में ज़ील ने इटीसि नेटवरक्स में बहुमत हिस्सेदारी क अधिग्रहणा किया।२००६ में वह एकीक्रत सबस्क्रैबरस मानेज्मेन्ट सेर्वीसज लिमिटड क अतिग्रहण और नवंबर २००६ में ज़ील रुचि ताज टेलिविजन डेन स्पोर्ट्स मेम अथिग्रहण मिला।२०१६ में ज़ील मुंटो शुरु किया।ज़ी टीवि हिन्दि मे अधिकतम कार्यक्रमों दिखाता है।चेनल दक्शिण पूर्व एशीया,यूरोप,मद्य पूर्व अफ्रिका आस्त्रेलिया और उत्तरि अमेरिका में भी उपलब्द है।ज़ी टीवि भारत का सबसे पहले हिन्दि केबल चैनल था।

चैनल की ज्यातादर सामग्रीयों परिवार केलिए इरादा है।सा रे गा मा पा,टांस इंटिया टांस जैसे अनेक लोकप्रिय कार्यक्रमों इस चैनल का एक हिस्सा है।

Thursday, December 1, 2016

मल्टीमीडिया के घटक-ग्राफिक्स,वीडियो,,साउण्ड

चित्रालेख या ग्राफ़िक्स ऐसे दृश्य प्रदर्शन को कहते हैं जो किसी दीवार, कपड़े, काग़ज़, पत्थर, कंप्यूटर स्क्रीन या अन्य सतह पर ज्ञान, मनोरंजन, सन्देश, मार्गदर्शन, पहचान या अन्य किसी ध्येय से बनाया गया हो। इसके उदहारण लिखाई, फ़ोटो, चित्र, अंक, अक्षर, इत्यादि हैं। चित्रालेख में अक्सर लिखाई, चित्र, रंगों और अन्य तत्वों को मिलाया जाता है। मानवों में यह क्षमता है कि वे चित्रलेखों को देखकर उन से अर्थ भाप पाते हैं। इस प्रक्रिया पर लक्षण-विज्ञान में अध्ययन किया जाता है।

अन्य भाषाओँ में

चित्रालेख को अंग्रेज़ी में "ग्राफ़िक्स" (graphics) कहा जाता है, जो यूनानी भाषा के मूल "ग्राफ़िकोस" (γραφικός) से लिया गया है। लक्षण-विज्ञान को अंग्रेज़ी में "सॅमियॉटिक्स" (semiotics) कहा जाता है।


आधुनिक काल में चित्रालेख के लिए अक्सर कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है

पुर्तगाली संगीत गुट "आठ झूठे क़दम" (8fs, एट फ़ेक स्टॅप्स) ने अपनी छवि में अव्यवस्थित "पंक" चित्रालेख का प्रयोग किया

रंगों का नियंत्रित प्रयोग, साफ़ चित्रण और सरल लेकिन शक्तिशाली छवियाँ जापान के पारम्परिक चित्रालेख के लक्षण हैं (ताकेऊची सेइहो द्वारा सन् १९२४ में बनाया बिल्ली का चित्र)


चित्रालेख और संस्कृति

चित्रालेख को विज्ञान की तरह अध्ययन करने वाले विद्वानों ने पाया है कि किसी भी क्षेत्र में प्रचलित चित्रालेख का सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है।यह इसलिए है क्योंकि मनुष्य अपने वातावरण के बारे में बहुत सी जानकारी चित्रालेखों के ज़रिये प्राप्त करते हैं। किसी भी इलाक़े की संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा वहाँ पाए जाने वाले चित्रालेख में सुरक्षित होता है। जापान का अध्ययन करने वाले विद्वानों ने अक्सर वहाँ के अनूठे चित्रालेख का वर्णन किया है, जिसमें सफ़ाई और दबे हुए रंगों के प्रयोग से सौन्दर्य, प्रबंध और शान्ति का वातावरण पैदा करनी की कोशिश की जाती है। समाजशास्त्रियों (सोशियॉलॉजिस्टों) ने देखा है कि सामाजिक या सांस्कृतिक बदलाव में अक्सर चित्रालेख की बड़ी भूमिका होती है।उदाहरण के लिए बीसवीं शताब्दी के अंत में बहुत से बुद्धिजीवियों को पश्चिमी सभ्यता कुछ अधिक अनुशासित लगी और उन्होंने "पंक चित्रालेख" को जन्म दिया, जिसमें अव्यवस्थित और कभी-कभी डरावने, चिह्नों और चित्रों द्वारा इस अनुशासन में कुछ खुलापन पैदा करने का प्रयत्न किया गया।

मल्टीमीडिया

मल्टीमीडिया (बहुमाध्यम) अंग्रेजी के multi तथा media शब्दों से मिलकर बना है। Multi का अर्थ होता है 'बहु' या 'विविध' और Media का अर्थ है 'माध्यम'। मल्टीमीडिया एक माध्यम होता है जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार की जानकारियों को विविध प्रकार के माध्यमों जैसे कि टैक्स्ट, आडियो, ग्राफिक्स, एनीमेशन, वीडियो आदि का संयोजन (combine) कर के दर्शकों/श्रोताओं (audience) तक पहुँचाया जाता है।

आजकल मल्टीमीडिया मीडिया का प्रयोग अनेक क्षेत्रों जैसे कि मल्टीमीडिया प्रस्तुतीकरण (Multimedia Presentation), मल्टीमीडिया गेम्स (Multimedia Games) में बहुतायत के साथ होता है क्योंकि मल्टीमीडिया किसी वस्तु के प्रस्तुतीकरण का सर्वोत्तम साधन है।

मल्टीमीडिया का व्यावसायिक प्रयोग

रचनात्मक उद्योगों में - रचनात्मक उद्योग ज्ञान, कला, मनोरंजन, पत्रकारिता आदि के लिये मल्टीमीडिया का प्रयोग करते हैं।

व्यापार में - व्यापारी विज्ञापन के लिये मल्टीमीडिया का प्रयोग करते हैं।

खेल तथा मनोरंजन में - यह तो हम सभी जानते हैं कि खेलों के लिये वीडियो गेम्स के रूप में मल्टीमीडिया का प्रयोग अत्यन्त लोकप्रिय है। सिनेमा जैसे मनोरंजन के क्षेत्र में स्पेशल इफैक्ट देने के लिये मल्टीमीडिया का प्रयोग किया जाता है।

शिक्षा के क्षेत्र में - विद्यार्थियों को आसानी के साथ कम से कम समय में शिक्षा प्रदान करने के लिये मल्टीमीडिया एक वरदान साबित हुई है।

ये तो मल्टीमीडिया के प्रयोग मात्र कुछ ही उदाहरण हैं वरना आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं होगा जिसमें मल्टीमीडिया का प्रयोग न किया जाता हो।

मल्टीमीडिया का इतिहास

संभवत अखबार ही पहला जनसंपर्क माध्यम था, जिसमें मल्टीमीडिया का प्रयोग हुआ। 1895 में मारकोनी ने बेतार रेडियो संदेश भेजा था, फिर 1901 में टेलीग्राफ का प्रयोग रेडियो के द्वारा शुरु हुआ, आज भी रेडियो तंरग ऑडियो प्रसारण में प्रयोग हो रहा है।
हो जैसेकि -

-    मेसेज ( Message )

-    संकल्पना

-    शब्द

-    एनीमेशन

-    श्रव्य

-    दृश्य या

-    कोई अन्य जानकारी

इन सभी मेसेज या जानकारियों को आप सबके साथ आसानी से बाँट हो. उदहारण के लिए समझने कि आप किसी कंपनी के बॉस है और आपने कंपनी के लिए कोई नया प्रोजेक्ट बनाया है और आप उसे सबको बताना चाहते हो तो आप हर कर्मचारी के पास तो जा नही सकते तो आप उन्हें प्रेजेंटेशन रूप में बुलाओगे और उनको किसी विडियो के माध्यम से अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से सारी बात समझाने की कोशिश करोगे. यही मल्टीमीडिया है.  ...

मल्टीमीडिया और उसके कार्य 

नोट : यहाँ ध्यान दें कि आप अकेलें ने अनेक कर्मचारिओं को संचार के माध्यम से कोई मेसेज या जानकारी को प्रसारित किया है.

ये तो मल्टीमीडिया का छोटा सा उदहारण है किन्तु इसी तरह अगर आप देखो सभी न्यूज़ चेंनेल, टेलीविज़न, अख़बार, इन्टरनेट या रेडियो इत्यादी. ये सभी मीडिया के संसाधन है और सभी एक साथ अनेक लोगो तक जानकारी को पहुंचाते है. तो इस तरह मल्टीमीडिया अपना कार्य करता है.

Ø  जानकारी का प्रकार ( Type of Information ) :

अब बात आती है कि मेसेज या जानकारी किस प्रकार की हो सकती है? वैसे तो आपकी जानकारी किसी भी फॉर्मेट में हो सकती किन्तु अगर दिखा जाएँ तो ये सभी निम्न भागो में समाहित हो जाती है.

·         व्यवसायिक (Commercial ) : आपके बिज़नस कार्यो से सम्बंधित जो आप शेयर मार्किट इत्यादि जगह पर अधिक इस्तेमाल करते हो.

Multimedia and Its Works

·         फिल्म या चलचित्रित (Film ) : इसके माध्यम से हम या तो मनोरंजन के जरिये या स्क्रीन पर देखने वाली जानकारी को प्राप्त कर पाते है.

·         लिखित ( Writing ) : इसमें मुख्यतः बुक, अखबार या कोई विज्ञापन का पेज इत्यादि आते है.

·         इन्टरनेट संबंधी ( Websiteइसके माध्यम से हम एक कंप्यूटर या मोबाइल के जरिये पूरी दुनिया के साथ आसानी से जुड़ जाते है.

ये सभी साधन एक ही काम आते है और वो है लोगो तक जानकारी पहुँचाना और इसके अनेक प्रकार होने की वजह से ही इसे मल्टीमीडिया कहा जाता है.  

अब हमने ये जान लिया कि मल्टीमीडिया क्या होता है और इसमें किस तरह की जानकारी का संचार किया जाता है तो अब ये बात आती है कि मल्टीमीडिया के वे कौन कौन से प्रकार है जिनकी मदद से जानकारी को बनाया जाता है और किस रूप में लोग उसे प्राप्त कर पाते है.

Type of Multimedia Information

Ø  मल्टीमीडिया के प्रकार ( Multimedia ke Prakar ) :

मल्टीमीडिया के कार्य करने के तरीको को देखते हुए इसे मुख्यतः 3 भागों में बांटा गया है.

1.       प्रिंट मीडिया ( Print Media / Graphic Media ) : जैसाकि आपको नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें जो जानकारी मिलती है या जिसे आगे प्रसारित करना होता है वो लिखित रूप में या छपाई के रूप में मिलती है. इसके भी 2 प्रकार होते है.

·         लिखित ( Text ) :प्रिंट मीडिया के पहले प्रकार में जानकारी को लिखित रूप में हमतक पहुँचाया जाता है. उदहारण के लिए समझे कि आप अपनी कार्यक्षेत्र के लिए कोई विजिटिंग कार्ड (Visiting Card ) बनवाना चाहते है तो आप उसमे अपना और अपने कार्यक्षेत्र का नाम, मोबाइल नंबर, अपने कार्यक्षेत्र की जानकारी और अपने अपने ईमेल एड्रेस को डालोगे. ये सभी जानकारी लिखित रूप में होती है और यही फिर उस व्यक्ति तक पहुँचती है जिसको आप ये कार्ड देते हो.

·         चित्रित ( Image ) :चित्रित मीडिया में आप चित्र के माध्यम से जानकारी को समझ जाते हो, इसके उदहारण के लिए आप चुनाव के दिनों को याद करें, जहाँ आप सिर्फ चुनाव चिह्न की मदद से ही समझ जाते हो कि ये चिह्न किस नेता का है और आपको किस पार्टी के कार्यकर्ता को अपना बहुमत देना है.

Ways of Communication

2.       डिजिटल मीडिया ( Digital Media / Audio Video Production ) : डिजिटल मीडिया को प्रसारित करने के लिए भी 2 प्रकार होते है –

·         ऑडियो ( Audio ) :ऑडियो जानकारी का सबसे अच्छा माध्यम है रेडियो, इसके अलावा म्यूजिक इत्यादि भी इसी में आते है. कहने से तात्पर्य ये है कि आप कोई भी आवाज सुनते हो वो ऑडियो मीडिया में आती है. इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेर बनाने में भी बहुत किया जाता है.

·         विडियो ( Video ) :विडियो जानकारी में आप प्रतिदिन टेलीविज़न पर समाचार देख सकते हो या इसके अलावा किसी फिल्म इत्यादि भी विडियो मीडिया का ही हिस्सा होती है.

3.       इन्टरनेट या कंप्यूटर के द्वारा बने गई मीडिया ( Computer / Internet Media ) : मल्टीमीडिया के प्रकार का अगला हिस्सा है कंप्यूटर या इन्टरनेट इसेCGI भी कहा जाता है.

·         CGI ( Computer Generated Imagery ) :इसके कंप्यूटर ग्राफ़िक भी कहा जाता है और इसमें मुख्यतः एनीमेशन (Animation ), कंप्यूटर से बनाये गये  V fx और S fxइत्यादि आते है.

ये सब मल्टीमीडिया की आधारभूत जानकारी है जिनके आधार पर आप मल्टीमीडिया और उसके कार्यों को आसानी से समझ सकते हो. मल्टीमीडिया के प्रकार संचार के प्रसारण की भिन्नता को दिखाते है और बताते है कि हर प्रकार के लिए अलग तरह से सक्षम होना जरूरी है.

By-Wikipedia